आज पहली बार कुछ लिखने (टाइप करने ) बैठा हूँ , लिखना क्या है नहीं पता? लेकिन पता है तो सिर्फ ये की आज "लिखना " है. शायद लेखको की जमात में शामिल होने का शौक या फिर अंदर कही छुपा हुआ लेखक (जो मुझे आज तक महसूस नहीं हुआ ) या फिर कुछ बोलने की चाह (खासकर जो दूसरो को बोलने में शर्म आये ) या फिर अपने को आजमाने की कोशिश ... या फिर कुछ ऐसा जो खुद को ही नहीं पता ...
हाँ " खुद को आजमाने की कोशिश"... ये सुनने में भी बेहतर लगता है, और कुछ असलियत के पास भी है / मेरे पास कभी कुछ ऐसा बताने को नहीं रहा (खुद के बारे में ) जो दुसरे पहले से ही जानते और समझते ना हो, और जो वो नहीं जानते और समझते, वो बात मैं जानता तो हूँ पर समझता खुद भी नहीं हूँ ... फिलहाल ये समझना सबसे मुश्किल काम है की "शुरू कहा से करू ???
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