Thursday, July 29, 2010

Broken Heart

मेरा दिल धडका कम और टूटा  ज्यादा  है , यहाँ  तक की  दिल  को  खुद  का  टूटना  भी  धड़कने  जैसा  जरूरी  काम  लगता  था, सब  छोटी  बड़ी  घटना  जोडू  तो  दिल  टूटा  5 बार, लड़की  के  जाने  से  दिल  टूटने  की  जगह … ऐसा  लगने  लगा  था  की  २  बार  दिल  टूटने के  बीच  कोई  लड़की  आती  है ॥
Ishrat-e-katra hai driya me fana ho jana
dard ka hadd se gujrna hai dwaa ho jana

हर  बार  मुआमला  करीब  करीब  एक  सा  होता  था ....
हमसे  क्या  ईमान  पूछती  हो  मुन्नी !
शिया  के  साथ शिया  सुन्नी  के  साथ  सुन्नी !!

लड़की का दिखना ॥ उसकी  नज़र  बचा  कर उसको  देखना .. फिर   बहुत  दिन  तक सिर्फ देखना ..उसके  बगल से  तेज़ bike  से  निकल  जाना .. खुद  को  दिखा  कर  ही  संतोष  कर  लेना .. फिर  लड़की  के  गुस्सा  हो  जाने  की  हद्द  आते  आते, दोस्तों  के  हौसला  अफजाई  और  " प्यार करने  वाले  कभी  डरते  नहीं " की  तर्ज़  पर काफी  घुमा फिरा  कर  propose  करना .. लड़की  का  regular interval पर कुछ तोहफों  के साथ  मिलने  आना  और  अचानक  एक  दिन  तोहफे  की    शक्ल में  अपनी  शादी  की  खबर  लाना  ...आंसू .. दिल  टूटने  की  आवाज़ ..लड़की  का माँ  बाप  से  बगावत  न  करने  की  दुहाई ..बोझील  कदमो  से  वापस  घर ... अँधेरा  कमरा  और .. मेहँदी  हसन  ....
कौन  साथ  होता  है  शब् -ए -तन्हाई  में
ग़म -इ -फुरकत  ही  ग़म -ए -इश्क  को  बहलायेगा
दिल  के  टूटने  पर  होने  वाले  टूकड़ों  की  संख्या  इस  बात  पर  निर्भर  करती  हैं  की  तोड़ने  वाला  कितना  खूबसूरत  है ..इस  लिहाज़  से  मेरे  दिल  के  टूकड़े  मुझे  उठाने  नहीं  बटोरने  पड़ते  थे

..."कोई  यंहा  गिरा  कोई  वहाँ"
 मुझे  मेरी  जिंदगी  में  आने  वाली  हर  लड़की  पिछली  से  ज्यादा  खूबसूरत  और  आखिरी  लगती  थी ..जबकि  मम्मी  को  "इससे  तो  वही  अच्छी  थी ". मम्मी  को  बेटो  की गर्ल-फ्रेंड जैसे  किसी  relation पर  कोई  यकीन  नहीं  था .. मेरा  हर  प्यार  उनको  " लड़की  ने  फंसा  लिया " लगता  था .. अजीब  बात  है  प्यार  का  भंडाफोड़  होने  के  एक  रात  पहले  तक माँ के अनुसार लडकी चेहरे  पर  एक  बचपना  होता  था  जो  की  12 घंटे  बाद  ही
"आज  कल  की  लडकियां  और  नैन  मटक्का" जैसे  adjective में  बदल  जाता  था ..मम्मी  प्यार  करने  के  सारे  दुष्परिणाम  मुझे  समझा  चुकी  थी .. कभी  मैं  समझता  तो  दिल  दागा  दे  जाता  कभी  दिल  समझता  तो  मैं  दगा  दे  जाता  ...
मैं  और  मेरा  दिल  थे  की  मानते  ही  नही  थे ...
किसी  एक  लड़की  से  तो  माँ  ने  इस  लिए  दूर  रहने  की  सलाह  दी  थी  क्युकी  उनके पिता जी  दिल  के  मरीज़  थे ..माँ  के  अनुसार  वो  सदमा  बर्दास्त  नहीं  कर  सकंगे  और  पाप  मेरे  सर   आयेगा ..लड़की के  बाप  का  heart attack हो जाने जैसी मुझमे क्या कमी  थी .. मुझे आज तक नहीं समझा आया .. अलबत्ता बाद में उनके  पूज्यनीय  पिता  जी  ने  अपने  कमज़ोर दिल की  बात  मानते  हुए  अपनी  खूबसूरत लड़की  की  शादी ऐसे दिल दहला देने वाले लड़के  के  साथ  की  .. कि  उसके  पिता  के  कमज़ोर  दिल  को  छोड़  अच्छे  अच्छे  दिल  वालो  को  heart attack होते  होते  बचा ...
मुझे  पता  चला  लड़की  मंडप  में  फेरे  लेते  वक़्त  बेहोश  हो  गयी  थी . .  खुसुर  पुसुर  के  बीच  आम  धरना  ये  बनी  की  लड़की  थक  गयी  है .. मुझे  यकीन  है  फेरों  के वक्त उसने  पति  का  चेहरा  पास  से  देखा  होगा ...

मेरे  से  प्यार  होते  ही  लड़कियों  की  शादी  कही  और  fix हो  जाती  .....
मामला  इस  हद्द  तक  आ  गया था  अब  कुछ  दिन  बाद  जिन  लड़कियों  की  शादी  न  हो  रही  हो  उनके  माँ  बाप  लड़कियों  को  मेरे  पास  प्यार  करवाने  के  लिए  लाने  लगते ...
मेरे  से  प्यार   लड़कियों  की  शादी  फिक्स  होने  की   gurantee था ...

2 comments:

Pankti said...

wow looks good now and reads better! love the big bold font

लीना मल्होत्रा said...

kaafi dilchasp hai. ..